चलो! अच्छा है कोई मामला उठकर यूँही नहीं दबता

जी हाँ! यही होता आया है कि कोई बात सामने आती है तो सारी मीडिया और देश में उसी का बोलवाला रहता है।

हम बात कर रहे हैं SSC CGL 2018 के पेपर के लीक होने के मामले की। जब ये बात सामने आई तोह छात्रों ने एसएससी के कार्यालय को कई दिन तक घेरे रखा आखिर यही कर सकते थे बस छात्र। पर उन लोगों को भी फर्क पड़ना चाहिए था जिन्होंने ये सब कुछ किया था। अतः कर्मचारी चयन आयोग यानी एसएससी ने छात्रों की बात के मद्देनजर सीबीआई जांच की मांग स्वीकार ली।

अब लगा तो ये था कि मामला बस ऐसे ही दब कर रह जायेगा और देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले फिर से अपने उसी घिनौने काम में लग जाएंगे।

पर फिर जब अभी ये बात सामने आयी कि सीबीआई ने इसकी जांच की…. मतलब मामले की अभी छानबीन चल रही थी कि सीबीआई ने 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि सीबीआई ने स्टाफ चयन आयोग की स्नातक स्तर की परीक्षा के लिए पेपर की लीक होने के संबंध में सिफी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के 10 कर्मचारियों सहित 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

उन्होंने कहा कि एजेंसी ने चेन्नई, नोएडा, मुंबई और ओखला, नई दिल्ली में सिफी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के चार कार्यालयों सहित 12 स्थानों पर खोज की है, इसके अलावा शेख सराय क्षेत्र में अपने कर्मचारियों में से एक संत प्रसाद गुप्ता के निवास के अलावा।

यह आरोप लगाया गया है कि संयुक्त स्नातक स्तर (सीजीएल), 2017 के दूसरे स्तर का पेपर 21 फरवरी, 2018 को हुआ था और इसकी उत्तर कुंजी कथित रूप से लीक हो गई थी और परीक्षा शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर वायरल बन गई थी।

एजेंसी ने एफआईआर में सात छात्रों का नाम भी दिया है, जो प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट के आधार पर परीक्षा में शामिल हुए थे।

खैर ठीक ही हुआ जो हुआ अब पकड़े जाएंगे और सजा मिलेगी तो शायद अन्य लोग भी सुधर जाएं। पर क्या पता ये शिक्षा के सौदागर खुद शिक्षित कब होंगें।